Khatu Shyam Mandir Rajasthan

Written by NEERAJ SHARMA  »  Updated on: November 05th, 2024

Khatu Shyam Mandir Rajasthan : जय श्री श्याम दोस्तों, दोस्तो आज हम बात करेंगे खाटू श्याम जी के बारे में। खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है । khatu shyam mandir rajasthan पूरे भारत में प्रसिद्ध है। खाटू श्याम जी एक मात्र ऐसा मंदिर है जिस मंदिर के बाहर लिखा हुआ है हारे का सहारा । आज मैं आपको इस आर्टिकल में खाटू श्याम की के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा। आज इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि खाटू श्याम की कौन है।और खाटू श्याम का या नाम खाटू श्याम कैसे पड़ा। खाटू श्याम की का असली नाम क्या है। अगर आप खाटू श्याम जी के भगत है तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और खाटू श्याम जी के बारे में अच्छी अच्छी बाते जाने ।।

खाटू श्याम जी कौन है (Khatu Shyam Temple)

सबसे पहले हम बात करते है आखिर खाटू श्याम जी कौन है। खाटू श्याम की का महाभारत से क्या लेना देना है । खाटू श्याम की को श्याम नाम से क्यों जाना जाता है। खाटू श्याम जी को तीन बाण धारी क्यों कहा जाता है। खाटू श्याम जी को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है। khatu shyam mandir rajasthan

आप लोगो ने महाभारत तो देखी होगी। अगर नहीं देखी तो देख लेना।वैसे मैं आपको बता देता ही की महाभारत में कोरवा और पांडवों को बीच में युद्ध हो रहा था । युद्ध क्यू हुआ इसलिए लिए आपको महाभारत देखनी पड़ेगी। महाभारत में बनवा में एक भीम नाम का योद्धा था। भीम के पुत्र का नाम घटोचकच था । घटोचक्च के पुत्र का नाम बर्बरीक था। बर्बरीक में अपनी तपस्या से शिव जी को प्रसन्न किया था। शिवजी ने बर्बरीक को खुश होकर तीन बाण दिए थे। और ये कहा था की तुम्हे कोई नही हरा सकता ।

एक दिन बर्बरीक को महाभारत के युद्ध के बारे में बता चला। बर्बरीक ने सोच लिया था युद्ध में जाकर लड़ने के लिए । बर्बरीक को माँ में उनको बहुत माना किया की पुत्र आप युद्ध में मत जाओ। पर बर्बरीक की जिद थी युद्ध में जाने की। जब बर्बरीक युद्ध के लिए घर से निकले तो उनको मां ने बर्बरीक से वचन मांगा की को युद्ध में हारेगा आपको उसकी तरफ से ही लड़ना होगा । बर्बरीक अपनी मां को वचन देकर घर से निकल पड़े युद्ध भूमि की ओर ।

भगवान श्री कृष्ण जी को ये बात पता चली की बर्बरीक युद्ध में शामिल होने के लिए आ रहे है। और भगवान श्री कृष्ण जी ये भी जानते थे कि वो हारने वालों की तरफ से लड़ेंगे। भगवान श्री कृष्ण जी ये भी अच्छी तरह से जानते थे कि बर्बरीक कोरवा की तरफ से युद्ध लड़ेगा क्युकी कोरवा उस समय हार रहे थे। और अगर बर्बरीक कोरवा की तरफ से लड़ते तो वो पांडवों को हरा देने। पूरी महाभारत बदल जाती।

भगवान श्री कृष्ण जी बर्बरीक को युद्ध में आने से रोकना चाहते थे। भगवान श्री कृष्ण बहुत तेज थे। उन्होंने बर्बरीक को युद्ध में आने से रोकने के लिए एक उपाय सोचा। भगवान श्री कृष्ण जी ने साधू का रूप धारण किया और बर्बरीक के रास्ते में आ गए। बर्बरीक को नहीं पता था की साधु के भेष में भगवान श्री कृष्ण जी है। बर्बरीक ने कहा आप मेरे मार्ग में क्यू खड़े हो।आपको क्या चाहिए। मेरा मार्ग छोड़िए मुझे युद्ध लड़ने के लिए जाना है ।


खाटू श्याम जी की कहानी


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